जयन्ती पर आचार्य रामचन्द्र शुक्ल को किया नमन्

बस्ती। कायस्थ सेवा ट्रस्ट द्वारा आलोचना सम्राट आचार्य रामचन्द्र शुक्ल को उनकी जयन्ती पर याद किया गया। जिलाध्यक्ष मुकेश कुमार श्रीवास्तव के संयोजन में आचार्य शुक्ल की बड़े बन के निकट स्थित प्रतिमा पर ट्रस्ट पदाधिकारियांें ने शनिवार को माल्यार्पण के बाद उनके योगदान पर चर्चा किया।

ट्रस्ट के संस्थापक अजय कुमार श्रीवास्तव, मण्डल अध्यक्ष सर्वेश श्रीवास्तव ने कहा कि आचार्य रामचन्द्र शुक्ल निबंधकार भी थे। 1939 में उन्होंने ‘चिंतामणि’ लिखी, जो काव्य की व्याख्या करने वाला निबंधात्मक ग्रंथ है। इसके अलावा उन्होंने कुछ अन्य निबंध भी लिखे हैं, जिनमें मित्रता, अध्ययन आदि शामिल हैं। निबंधों के साथ उन्होंने ऐतिहासिक रचनाएं भी की। इसमें ‘हिंदी साहित्य का इतिहास’ उनका अनूठा ऐतिहासिक ग्रंथ है। जिलाध्यक्ष मुकेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि साहित्यकार अपने समय के ही नहीं भविष्य के भी प्रवक्ता होते हैं, आचार्य शुक्ल ने इसे सिद्ध किया। अगौना की माटी उन्हें प्रतिदिन नमन् करती है।

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल को उनकी जयन्ती पर याद करने वालों में मुख्य रूप से दुर्गेन्द्र श्रीवास्तव, दुर्गेश श्रीवास्तव , आलोक श्रीवास्तव, राजेश श्रीवास्तव, संतोष श्रीवास्तव, अनिल श्रीवास्तव, राहुल श्रीवास्तव, जितेन्द्रनाथ श्रीवास्तव, अरूण श्रीवास्तव, सुजीत श्रीवास्तव, विवेक श्रीवास्तव, प्रदीप श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।

Related Articles

Back to top button