
आँसुओं के सैलाब में पूर्वांचल के मालवीय को श्रद्धांजलि
बस्ती/संतकबीरनगर।पूर्वांचल में शिक्षा की अलख जगाने वाले स्वर्गीय पंडित सूर्यनारायण चतुर्वेदी की सातवीं पुण्यतिथि 3 अक्टूबर को श्रद्धाभाव से मनाई जाएगी। नम आँखों से उनके अनुयायी और परिवारजन उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।
सन् 1950 में संतकबीरनगर (तत्कालीन बस्ती) के ग्राम भिटहा में जन्मे पं. सूर्यनारायण चतुर्वेदी ने संघर्षपूर्ण जीवन जीते हुए शिक्षा को ही समाज की प्रगति का मूलमंत्र माना। महज 30 वर्ष की आयु में उन्होंने 1980 में ग्राम परवता में बाबा पर्वतनाथ इंटर कॉलेज की स्थापना की। इसके बाद 2002-03 में पं. अंबिका प्रताप नारायण स्नातकोत्तर महाविद्यालय, डुमरी हरिहरपुर की नींव रखकर उच्च शिक्षा का मार्ग प्रशस्त किया। आगे चलकर बस्ती जिले में भी उन्होंने कई शिक्षण संस्थान स्थापित किए, जो आज हजारों विद्यार्थियों का भविष्य संवार रहे हैं।शिक्षा जगत के साथ ही उन्होंने राजनीति में भी अहम भूमिका निभाई। अपने भतीजे दिग्विजय नारायण उर्फ जय चौबे को विधायक बनाने में उनकी दूरदर्शिता निर्णायक रही। वहीं, उनके पुत्र अजय और राकेश चतुर्वेदी भी ब्लॉक प्रमुख बने। परिवार आज सूर्या इंटरनेशनल एकेडमी, एस.आर. इंटरनेशनल एकेडमी, सूर्या हॉस्पिटल, शिखा चतुर्वेदी लॉ कॉलेज सहित अनेक संस्थानों का संचालन कर उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहा है।सरलता और सहजता उनकी पहचान थी। शिक्षा को ही विकास का मूल मानने वाले पूर्वांचल के इस “मालवीय” का सपना आज साकार हो रहा है। उनके आदर्शों पर चलना ही समाज की ओर से सच्ची श्रद्धांजलि होगी।




